Monday, 17 July 2023

Lakshmi Ji Ki Aarti, लक्ष्मी जी की आरती

 



महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्र्वरी |
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता |
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
उमा ,रमा,ब्रम्हाणी, तुम जग की माता |
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
दुर्गारुप निरंजन, सुख संपत्ति दाता |
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी धन पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता |
कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद् गुण आता|
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता |
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरनिधि जाता|
रत्न चतुर्दश तुम बिन ,कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
महालक्ष्मी जी की आरती ,जो कोई नर गाता |
उँर आंनद समाा,पाप उतर जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
स्थिर चर जगत बचावै ,कर्म प्रेर ल्याता |
रामप्रताप मैया जी की शुभ दृष्टि पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता....
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता |
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...

Shiv Tandava Stotram with Hindi-English Meaning and Transliteration शिव तांडव स्तोत्रम अर्थ सहित

 





शिव तांडव स्तोत्रम् का पाठ करना अत्यंत ही शुभ फलदायक माना जाता है. रावण द्वारा रचित भगवान् शिव का यह महामंत्र है.

शिव को प्रसन्न करने के लिए लंकापति रावण ने शिव तांडव स्तोत्रम् का गायन करते हुए भगवान् शिव की आराधना की थी. इस कारण से जो कोई भी सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ श्री शिव तांडव स्तोत्रम् का गायन करते हुए भगवान् शिव की आराधना करता है, उसे महादेव शिव की परम कृपा अवश्य  मिलती है|

Shiva Tandava Stotram is a devotional hymn that represents the cosmic dance of Lord Shiva. It was composed by Ravana as an extempore while beating his drum. It is said that chanting Shiva Tandava Stotram destroys all negative energies and confers immense mental strength, confidence, and beauty.

 

जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्॥१॥

Transliteration:
jaṭāṭavīgalajjalapravāhapāvitasthale gale’valambya lambitāṃ bhujaṅgatuṅgamālikām

ḍamaḍḍamaḍḍamaḍḍamanninādavaḍḍamarvayaṃ cakāra caṇḍatāṇḍavaṃ tanotu naḥ śivaḥ śivam
1

हिंदी भावार्थ:
उनके बालों से बहने वाले जल से उनका कंठ पवित्र है,
और उनके गले में सांप है जो हार की तरह लटका है,
और डमरू से डमट् डमट् डमट् की ध्वनि निकल रही है,
भगवान शिव शुभ तांडव नृत्य कर रहे हैं, वे हम सबको संपन्नता प्रदान करें।।

English Translation:
With the lofty serpent as garland around his neck, his ḍamaru sounding ḍamaḍ-ḍamaḍ, Śiva did the fierce tāṇḍava dance on the ground consecrated by the water flowing from his thick, forest-like hair locks. May he shower prosperity on us.

जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी- विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि।
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम॥२॥

Transliteration:
jaṭākaṭāhasambhramabhramannilimpanirjharī- vilolavīcivallarīvirājamānamūrdhani

dhagaddhagaddhagajjvalallalāṭapaṭṭapāvake kiśoracandraśekhare ratiḥ pratikṣaṇaṃ mama
2

हिंदी भावार्थ:
मेरी शिव में गहरी रुचि है,
जिनका सिर अलौकिक गंगा नदी की बहती लहरों की धाराओं से सुशोभित है,
जो उनकी बालों की उलझी जटाओं की गहराई में उमड़ रही हैं?
जिनके मस्तक की सतह पर चमकदार अग्नि प्रज्वलित है,
और जो अपने सिर पर अर्ध-चंद्र का आभूषण पहने हैं।

English Translation:
Every moment, I am interested in Śiva, in the deep well of whose hair locks Ganga moves in rows of waves, whose forehead has a flaming fire, and who has a crescent moon on his head.

धराधरेन्द्रनन्दिनीविलासबन्धुबन्धुर- स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे।
कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि॥३॥

Transliteration:
dharādharendranandinīvilāsabandhubandhura- sphuraddigantasantatipramodamānamānase

kṛpākaṭākṣadhoraṇīniruddhadurdharāpadi kvaciddigambare mano vinodametu vastuni
3

हिंदी भावार्थ:
मेरा मन भगवान शिव में अपनी खुशी खोजे,
अद्भुत ब्रह्माण्ड के सारे प्राणी जिनके मन में मौजूद हैं,
जिनकी अर्धांगिनी पर्वतराज की पुत्री पार्वती हैं,
जो अपनी करुणा दृष्टि से असाधारण आपदा को नियंत्रित करते हैं, जो सर्वत्र व्याप्त है,
और जो दिव्य लोकों को अपनी पोशाक की तरह धारण करते हैं।

English Translation:
May my mind seek happiness in Śiva, who is the sportive companion of Pārvatī, in whose mind the remote expanses proliferate, whose compassionate look expels difficult obstacles, and who is all-pervasive.

जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा- कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे।
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि॥४॥

Transliteration:
jaṭābhujaṅgapiṅgalasphuratphaṇāmaṇiprabhā- kadambakuṅkumadravapraliptadigvadhūmukhe

madāndhasindhurasphurasphurattvaguttarīyamedure mano vinodamadbhutaṃ bibhartu bhūtabhartari
4

हिंदी भावार्थ:
मुझे भगवान शिव में अनोखा सुख मिले, जो सारे जीवन के रक्षक हैं,
उनके रेंगते हुए सांप का फन लाल-भूरा है और मणि चमक रही है,
ये दिशाओं की देवियों के सुंदर चेहरों पर विभिन्न रंग बिखेर रहा है,
जो विशाल मदमस्त हाथी की खाल से बने जगमगाते दुशाले से ढंका है।

English Translation:
May I seek wonderful pleasure in Śiva, who is the supporter of all beings, who smears colour in all directions through the lustre of the gem on the snake creeping among his hair locks, who wears a thick upper garment of an intoxicated elephant’s skin.

सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर- प्रसूनधूलिधोरणीविधूसराङ्घ्रिपीठभूः।
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटकः श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः॥५॥

Transliteration:
sahasralocanaprabhṛtyaśeṣalekhaśekhara- prasūnadhūlidhoraṇīvidhūsarāṅghripīṭhabhūḥ

bhujaṅgarājamālayā nibaddhajāṭajūṭakaḥ śriyai cirāya jāyatāṃ cakorabandhuśekharaḥ
5

हिंदी भावार्थ:
भगवान शिव हमें संपन्नता दें,
जिनका मुकुट चंद्रमा है,
जिनके बाल लाल नाग के हार से बंधे हैं,
जिनका पायदान फूलों की धूल के बहने से गहरे रंग का हो गया है,
जो इंद्र, विष्णु और अन्य देवताओं के सिर से गिरती है।

English Translation:
His footstool is greyed by the incessant flow of dust from the flowers from the heads of the gods lined up in front of him. His hair locks are tied up with the king of snakes. He has the kind of Cakora bird (the moon) on his head. May Śiva give us lasting prosperity.

ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा- निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम्।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं महाकपालि सम्पदे शिरो जटालमस्तु नः॥६॥

Transliteration:
lalāṭacatvarajvaladdhanañjayasphuliṅgabhā- nipītapañcasāyakaṃ namannilimpanāyakam

sudhāmayūkhalekhayā virājamānaśekharaṃ mahākapāli sampade śiro jaṭālamastu naḥ
6

हिंदी भावार्थ:
शिव के बालों की उलझी जटाओं से हम सिद्धि की दौलत प्राप्त करें,
जिन्होंने कामदेव को अपने मस्तक पर जलने वाली अग्नि की चिनगारी से नष्ट किया था,
जो सारे देवलोकों के स्वामियों द्वारा आदरणीय हैं,
जो अर्ध-चंद्र से सुशोभित हैं।

English Translation:
May we get the wealth of siddhis from his locks of hair. Kāmadeva was devoured by the sparks of the fire flaming on his forehead. All the celestial leaders bow down to him. He is beautiful with a crescent moon on his head.

करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वलद्- धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक- प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम॥७॥

Transliteration:
karālabhālapaṭṭikādhagad‍dhagad‍dhagajjvalad- dhanañjayāhutīkṛtapracaṇḍapañcasāyake

dharādharendranandinīkucāgracitrapatraka- prakalpanaikaśilpini trilocane ratirmama
7

हिंदी भावार्थ:
मेरी रुचि भगवान शिव में है, जिनके तीन नेत्र हैं,
जिन्होंने शक्तिशाली कामदेव को अग्नि को अर्पित कर दिया,
उनके भीषण मस्तक की सतह डगद् डगद्... की घ्वनि से जलती है,
वे ही एकमात्र कलाकार है जो पर्वतराज की पुत्री पार्वती के स्तन की नोक पर,
सजावटी रेखाएं खींचने में निपुण हैं।

English Translation:
My interest is in Siva, who has three eyes, who has offered Kāmadeva into the fire flaming on his forehead, who is the sole artist of drawing decorative lines on the tips of Pārvatī’s breasts.

नवीनमेघमण्डलीनिरुद्धदुर्धरस्फुर- त्कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः।
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरन्धरः॥८॥

Transliteration:
navīnameghamaṇḍalīnirud‍dhadurdharasphura- tkuhūniśīthinītamaḥ prabandhabaddhakandharaḥ

nilimpanirjharīdharastanotu kṛttisindhuraḥ kalānidhānabandhuraḥ śriyaṃ jagaddhurandharaḥ
8

हिंदी भावार्थ:
भगवान शिव हमें संपन्नता दें,
वे ही पूरे संसार का भार उठाते हैं,
जिनकी शोभा चंद्रमा है,
जिनके पास अलौकिक गंगा नदी है,
जिनकी गर्दन गला बादलों की पर्तों से ढंकी अमावस्या की अर्धरात्रि की तरह काली है।

English Translation:
The throb of the great tāṇḍava has restrained the the new clouds has bound the darkness of the night of the new moon around His neck, O the bearer of the river Ganges, O the wearer of the elephant hide; please extend the auspiciousness and great welfare (to us).

प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा- वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम्।
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छिदान्धकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे॥९॥

Transliteration:
praphullanīlapaṅkajaprapañcakālimaprabhā- valambikaṇṭhakandalīruciprabaddhakandharam

smaracchidaṃ puracchidaṃ bhavacchidaṃ makhacchidaṃ gajacchidāndhakacchidaṃ tamantakacchidaṃ bhaje
9

हिंदी भावार्थ:
मैं भगवान शिव की प्रार्थना करता हूं, जिनका कंठ मंदिरों की चमक से बंधा है,
पूरे खिले नीले कमल के फूलों की गरिमा से लटकता हुआ,
जो ब्रह्माण्ड की कालिमा सा दिखता है।
जो कामदेव को मारने वाले हैं, जिन्होंने त्रिपुर का अंत किया,
जिन्होंने सांसारिक जीवन के बंधनों को नष्ट किया, जिन्होंने बलि का अंत किया,
जिन्होंने अंधक दैत्य का विनाश किया, जो हाथियों को मारने वाले हैं,
और जिन्होंने मृत्यु के देवता यम को पराजित किया।

English Translation:
Whose neck has the dark luster of the universe with the glory of the fully-bloomed blue lotuses, one who destroyed Kāmadeva and Tripurāsura, the one who ends worldly existence, and the one who brought an end to the sacrifice (of Dakṣa), Gajāsura, and Andhaka and overpowered Yama; I worship that Śiva.

अखर्वसर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी- रसप्रवाहमाधुरीविजृम्भणामधुव्रतम्।
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे॥१०॥

Transliteration:
akharvasarvamaṅgalākalākadambamañjarī- rasapravāhamādhurīvijṛmbhaṇāmadhuvratam

smarāntakaṃ purāntakaṃ bhavāntakaṃ makhāntakaṃ gajāntakāndhakāntakaṃ tamantakāntakaṃ bhaje
10

हिंदी भावार्थ:
मैं भगवान शिव की प्रार्थना करता हूं, जिनके चारों ओर मधुमक्खियां उड़ती रहती हैं
शुभ कदंब के फूलों के सुंदर गुच्छे से आने वाली शहद की मधुर सुगंध के कारण,
जो कामदेव को मारने वाले हैं, जिन्होंने त्रिपुर का अंत किया,
जिन्होंने सांसारिक जीवन के बंधनों को नष्ट किया, जिन्होंने बलि का अंत किया,
जिन्होंने अंधक दैत्य का विनाश किया, जो हाथियों को मारने वाले हैं,
और जिन्होंने मृत्यु के देवता यम को पराजित किया।

English Translation:
Who has bees flying all over because of the sweet nectar of auspicious Kadamba flowers, one who destroyed Kāmadeva and Tripurāsura, the one who ends worldly existence, and the one who brought an end to the sacrifice (of Dakṣa), Gajāsura, and Andhaka and overpowered Yama; I worship that Śiva.

जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस- द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट्।
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल- ध्वनिक्रमप्रवर्तितप्रचण्डताण्डवः शिवः॥११॥

Transliteration:
jayatvadabhravibhramabhramad‍bhujaṅgamaśvasa- dvinirgamatkramasphuratkarālabhālahavyavāṭ

dhimiddhimiddhimidhvananmṛdaṅgatuṅgamaṅgala- dhvanikramapravartitapracaṇḍatāṇḍavaḥ śivaḥ
11

हिंदी भावार्थ:
शिव, जिनका तांडव नृत्य नगाड़े की ढिमिड ढिमिड
तेज आवाज श्रंखला के साथ लय में है,
जिनके महान मस्तक पर अग्नि है, वो अग्नि फैल रही है नाग की सांस के कारण,
गरिमामय आकाश में गोल-गोल घूमती हुई।

English Translation:
His Tāṇḍava is in tune with auspicious sounds of mṛdaṅga, who has fire on his forehead, the fire that is spreading out because of the breath of the snake wandering in whirling motion in the sky.

दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजो- र्गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः।
तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः समप्रवृत्तिकः कदा सदाशिवं भजाम्यहम्॥१२॥

Transliteration:
dṛṣadvicitratalpayorbhujaṅgamauktikasrajo- rgariṣṭharatnaloṣṭhayoḥ suhṛdvipakṣapakṣayoḥ

tṛṇāravindacakṣuṣoḥ prajāmahīmahendrayoḥ samapravṛttikaḥ kadā sadāśivaṃ bhajāmyaham
12

हिंदी भावार्थ:
मैं भगवान सदाशिव की पूजा कब कर सकूंगा, शाश्वत शुभ देवता,
जो रखते हैं सम्राटों और लोगों के प्रति समभाव दृष्टि,
घास के तिनके और कमल के प्रति, मित्रों और शत्रुओं के प्रति,
सर्वाधिक मूल्यवान रत्न और धूल के ढेर के प्रति,
सांप और हार के प्रति और विश्व में विभिन्न रूपों के प्रति?

English Translation:
When will I worship Sadāśiva with equal vision towards a snake and a garland, a valuable gem and a lump of dirt, friends and enemies, eyes like a blade of grass and those like a lotus, the subjects and an emperor?

कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमञ्जलिं वहन्।
विलोललोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मन्त्रमुच्चरन्कदा सुखी भवाम्यहम्॥१३॥

Transliteration:
kadā nilimpanirjharīnikuñjakoṭare vasan vimuktadurmatiḥ sadā śiraḥsthamañjaliṃ vahan

vilolalolalocano lalāmabhālalagnakaḥ śiveti mantramuccarankadā sukhī bhavāmyaham
13

हिंदी भावार्थ:
मैं कब प्रसन्न हो सकता हूं, अलौकिक नदी गंगा के निकट गुफा में रहते हुए,
अपने हाथों को हर समय बांधकर अपने सिर पर रखे हुए,
अपने दूषित विचारों को धोकर दूर करके, शिव मंत्र को बोलते हुए,
महान मस्तक और जीवंत नेत्रों वाले भगवान को समर्पित?

English Translation:
When will I be happy, living in a cave near Ganga, carrying the folded hands on my head, with my bad thinking washed away and free from my disoriented eye, and uttering Śiva’s mantra and applying his sacred mark on the forehead?

इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेति सन्ततम्।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिन्तनम्॥१४॥

Transliteration:
imaṃ hi nityamevamuktamuttamottamaṃ stavaṃ paṭhansmaranbruvannaro viśuddhimeti santatam

hare gurau subhaktimāśu yāti nānyathā gatiṃ vimohanaṃ hi dehināṃ suśaṅkarasya cintanam
14

हिंदी भावार्थ:
इस स्तोत्र को, जो भी पढ़ता है, याद करता है और सुनाता है,
वह सदैव के लिए पवित्र हो जाता है और महान गुरु शिव की भक्ति पाता है।
इस भक्ति के लिए कोई दूसरा मार्ग या उपाय नहीं है।
बस शिव का विचार ही भ्रम को दूर कर देता है।

English Translation:
Whoever reads, remembers and says this best stotra regularly as it is said here, gets purified forever and obtains devotion in the great guru Śiva. For this devotion, there is no other way. Just the mere thought of Śiva indeed removes the delusion.

पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे।
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां लक्ष्मीं सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः॥१५॥

Transliteration:
pūjāvasānasamaye daśavaktragītaṃ yaḥ śambhupūjanaparaṃ paṭhati pradoṣe

tasya sthirāṃ rathagajendraturaṅgayuktāṃ lakṣmīṃ sadaiva sumukhīṃ pradadāti śambhuḥ
15

हिंदी भावार्थ:
शाम की पूजा के बाद जो भी इस रावण-कृत स्तोत्र को पढ़ते हैं, उन्हे शिव द्वारा रथ-हाथी-घोड़े-युक्त स्थिर लक्ष्मी प्राप्त होती है।

English Translation:
In the evening, at the end of prayers, whoever utters this stotra written by Rāvaṇa, Śiva blesses them with stable prosperity with all the richness of chariots, elephants and horses.

इति श्रीरावणकृतं शिवताण्डवस्तोत्रं सम्पूर्णम्।

Transliteration:
iti śrīrāvaṇakṛtaṃ śivatāṇḍavastotraṃ sampūrṇam

हिंदी भावार्थ:
रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र समाप्त होता है।

English Translation:
Thus ends the śiva-tāṇḍava-stotraṃ composed by Rāvaṇa.

Lakshmi Ji Ki Aarti, लक्ष्मी जी की आरती

  महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्र्वरी | हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता | तुमको ...